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अवसाद में फायदेमंद है योग

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बोस्टन (अमेरिका) । तन-मन की सेहत को सुधारने में योग काफी फायदेमंद होता है । यदि आप रोजाना योग न कर सकें, तो कम-से-कम सप्ताह में दो बार नियमित तौर पर योग करें। इससे अवसाद में कमी आती है। अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक, 'सप्ताह में दो बार योग एवं गहरी सांस का अभ्यास करने से अवसाद के लक्षणों में कमी आती हैं, क्योंकि यह अवसादग्रस्त लोगों की श्वसन क्रिया में सहायक होता है, जो अवसादरोधी दवाओं का प्रयोग नहीं करते।'  यह शोध वैकल्पिक एवं पूरक चिकित्सा संबंधी एक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें आसन एवं श्वसन नियंत्रण की सटीक विधियों के लिए आयंगर योग के विस्तार पर जोर दिया गया है। यह योग अष्टांग योग पर आधारित है। (न्यूज़ अपडेट - 4 अगस्त, 2017) Keywords - Yoga is beneficial in depression

अच्छी नींद के लिए खाएं लहसुन

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यदि आपको अच्छी नींद नहीं आती है, तो आपको रोजाना प्रीबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे कच्चे लहसुन, चुकन्दर और प्याज। अमेरिका के कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी में किए एक शोध में पता चला है कि कच्चे लहसुन, चुकन्दर और प्याज जैसे खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले प्रीबायोटिक्स होते हैं, जो नींद में सुधार करते हैं और तनाव को भी कम करते हैं। प्रीबायोटिक्स कच्चे लहसुन, चुकन्दर और प्याज जैसे खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले डाइएटरी फाइबर पेट की सेहत के लिए ठीक होते हैं। ये पेट की समस्या में सुधार करते हैं। (न्यूज़ अपडेट - 4 अगस्त, 2017 ई.) Keywords -  Eat Garlic for Good Sleep Health News in hindi अगर आपको हमारी ये न्यूज़ पोस्ट पसंद आई हो तो कृपया मूषक (mooshak.in) पर हमारा अनुसरण करना ना भूलें -  https://mooshak.in/@प्रचार

इस सदी के अंत तक वायु प्रदूषण से 2 लाख 60 हजार मौतों की संभावना जताई गई है

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वाशिंगटन। पर्यावरण में बदलाव के चलते वर्ष 2030 तक दुनियाभर में करीब 60 हजार लोगों की जान जा सकती है। एक अध्ययन में चेताया गया है कि इस सदी के अंत तक वायु प्रदूषण से 2 लाख 60 हजार लोगों की मौत होने की आशंका है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना ( University of North Carolina)  द्वारा कराए एक अध्ययन में कहा गया है कि दुनियाभर में पर्यावरणीय बदलावों का सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। इसमें देखा गया है कि किस तरह का बदलाव वायु प्रदूषण के जरिए सेहत को नुकसान पहुँचाएगा। शोध की अगुवाई करने वाले जेसन वेस्ट ने बताया कि जैसे-जैसे पर्यावरणीय बदलाव वायु प्रदूषण को बढ़ाता जाएगा, दुनियाभर में लोगों की सेहत पर इसका असर भी बढ़ता जाएगा। (समाचार अपडेट - 2 अगस्त, 2017 ई.) Keywords - the end of this century went forecast of 2 lakh 60 thousand deaths from air pollution news in hindi अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook)  -  हिन्दी एलियंस | HindiAliens.com ट्विटर (Twitter)  

इस सदी के अंत तक पृथ्वी का तापमान दो डिग्री बढ़ेगा

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वाशिंगटन। एक अध्ययन में चेतावनी जारी की गई है कि इस सदी के अंत तक पृथ्वी का तापमान दो डिग्री से 4.9 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। यह आंकड़ा वर्ष 2016 के पेरिस समझौते में दर्शाए अनुमान से बहुत अधिक है। यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के प्रो. एंड्रियन राफ्टेरी ने कहा कि अगले आठ दशक में धरती का तापमान पांच डिग्री तक बढ़ सकता है। अध्ययन में इस बात की संभावना 5 प्रतिशत है कि पृथ्वी के तापमान में दो डिग्री या इससे कम की बढ़ोतरी हो सके। ऐसा तभी हो सकता है, जब 80 वर्षों तक मोर्चों पर स्थायी प्रयास किए जाएं। (समाचार अपडेट - 2 अगस्त, 2017 ई. ) Keywords - The end of this Century the Temperature of the Earth will Grow Two Degrees अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook)  -  हिन्दी एलियंस | HindiAliens.com ट्विटर (Twitter)  -  https://twitter.com/HindiAliens यूट्यूब (YouTube)  -  https://www.youtube.com/channel/UCEil3BQ-jdLF3AbVJv-g2dQ

दिनभर में 3 घंटे टीवी देखने से बच्चों में बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा

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लंदन। आजकल बच्चों के मनोरंजन का साधन बाहर खेले जाने वाले खेल ना होकर टीवी, वीडियो गेम या फिर मोबाइल फोन बन गए हैं। इन गैजेट्स के चलते बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन एक शोध में इन गैजेट्स के अधिक प्रयोग करने पर और भी ज्यादा घातक परिणाम देखे गए हैं। शोध में पता चला है कि तीन घंटे या फिर उससे ज्यादा वीडियो गेम खेलने और टीवी देखने वाले बच्चों में डायबिटीज होने का खतरा काफी अधिक रहता है ।   लंदन की सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि मोटापा बढ़ना और शरीर में इंसुलिन का ना बनना एक विशेष कोशिका पर निर्भर करता है जिससे देर तक कंप्यूटर चलाने और टीवी देखने से हमारी यह कोशिका प्रभावित होती है। परिणाम स्वरूप शरीर का मोटापा बढ़ता है और इंसुलिन का बनना भी बंद हो जाता है। शरीर में इंसुलिन का ना बनना डायबिटीज रोग को बढ़ाता है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता ने बताया, 'बच्चों का कम टीवी देखना उनमें टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है।' शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले नौ और दस साल के 4,500 बच्चों को शामिल किया। यह रिसर्च 'आर्काइव्स ऑफ ड

केक की मोमबत्तियां फूंकने से संक्रमण का खतरा

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वाशिंगटन। जन्मदिन के केक या किसी खास इवेंट के सेलिब्रेशन के केक पर जलती मोमबत्तियों को फूंक मारकर बुझाने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है । शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में दावा किया है कि इस लोकप्रिय परंपरा के कारण केक पर बैक्टिरिया की संख्या में 1400% तक इजाफा हो जाता है। अमेरिका की क्लेमसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस बात की जांच की है कि जन्मदिन के केक पर लगी मोमबत्तियों को फूंककर बुझाने से बैक्टिरिया का किस हद तक प्रसार होता है। शोधकर्ताओं ने कहा, जन्मदिन मनाने के दौरान केक काटने से पहले उस पर जलती मोमबत्तियों को फूंक मारकर बुझाने की परंपरा कैसे शुरू हुई इसके बारे में अलग-अलग राय है। कुछ लोगों के मुताबिक केक पर मोमबत्ती लगाने का रिवाज प्राचीन यूनान में शुरू हुआ। उस समय लोग केक पर मोमबत्तियां लगाकर आर्टेमिस देवी के मंदिर जाते थे। (समाचार अपडेट - 1 अगस्त, 2017 ई. ) Keywords -  The risk of infection by blowing cake candles अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook

अच्छी नींद के लिए स्मार्टफोन से दूरी जरूरी

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लंदन। अमेरिका में हुए एक शोध में दावा किया है कि अच्छी नींद के लिए स्मार्टफोन और टैबलेट को दूर रखना जरूरी है । स्मार्टफोन और टैबलेट से निकलने वाली कृत्रिम रौशनी नींद की गुणवत्ता पर विपरीत असर डालती है। शोध के मुताबिक नीली रोशनी हमारी सजगता को बढ़ाती है और हमारी शारीरिक घड़ी या सर्काडियन लय को नियमित करती है। डिजिटल उपकरणों की रोशनी सर्काडियन लय की इस स्वाभाविक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है। वह रेटिना ग्रंथि की उन कोशिकाओं को सक्रिय कर देती है जो आंतरिक तौर पर संवेदनशील होती हैं। वे मेलाटोनिन हार्मोन का दमन करती हैं जो हमारे शरीर को सोने का संकेत देने में अहम भूमिका निभाता है। इस अध्ययन में 17 साल से 42 साल तक के 22 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। यह अध्ययन ओफ्थैलमिक एंड फिजियोलॉजिकल ऑप्टिक्स (Ophthalmic and Physiological Optics)  में छपा है। (समाचार अपडेट - 30 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords -  Good sleep requires a distance from the smartphone अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें -

महिलाएं आसानी से दिमाग पढ़ लेती हैं

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'रीडिंग द माइंड इन द आइज' (Reading the Mind in the Eyes)   नाम से हुए एक शोध में कहा गया है कि महिलाएं किसी व्यक्ति की आंखों में देखने भर से उस व्यक्ति के विचार और भावनाओं को आसानी से समझ लेती हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University)  में हुए इस शोध में दुनिया भर के 89000 महिला-पुरुषों को शामिल किया गया। शोध में कहा गया है कि हम सभी में आंखों के द्वारा दिमाग को पढ़ने को काबिलियत होती है, लेकिन महिलाओं में यह काबिलियत पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है। साथ ही उनमें कुछ आनुवांशिक बदलाव होते हैं। इस कारण वे पुरुषों की आंखों में देखकर उनके दिमाग को तुरंत पढ़ लेती हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के साइमन कोहेन कहते हैं कि - 'इस शोध की मदद से अब हम यह जान पाएंगे कि दिमाग के किन आनुवांशिक बदलावों के कारण महिलाएं किसी अन्य व्यक्ति के विचारों या भावनाओं को बेहतर तरीके से और जल्दी समझ पाती हैं।' (समाचार अपडेट -  28 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords - Women easily read the Mind अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल

दिनभर खुश रहने से स्वास्थ्य लाभ बेहतर होता है

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न्यूयॉर्क। दिनभर खुश रहने से या फिर कई तरह के सकारात्मक भावों को महसूस करने वाले लोगों में किसी भी प्रकार की पुरानी बीमारी, असमय मृत्यु की संभावना काफी कम रहती है और स्वास्थ्य लाभ बेहतर होता है । एक हालिया अध्ययन में इस बात की जानकारी सही साबित हुई है। अमेरिका की कॉर्नल यूनिवर्सिटी (Cornell University)  के शोधकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में पाया कि दिनभर खुश रहने वालों की अपेक्षा कम खुश रहने वाले जलन के कम स्तर को महसूस करते हैं। जलन का कम स्तर सीधे तौर पर असमय मृत्यु और पुरानी बीमारी जैसे डायबिटीज के खतरे को कम करता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 40 वर्ष से 65 वर्ष के 175 लोगों को शामिल किया था। शोधकर्ताओं ने 30 दिन तक इन सभी के सकारात्मक भावों का अध्ययन किया है। यह शोध हाल ही में 'इमोशन' ( Emotion)  पत्रिका में प्रकाशित की गई है। (समाचार अपडेट - 25 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords -  Staying Happy all day Long Health Benefits are better अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें -

याददाश्त बढ़ाने में नियमित व्यायाम काफी मददगार है

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बर्लिन। नियमित व्यायाम से न केवल शरीर तंदुरुस्त रहता है बल्कि मस्तिष्क के चयापचय को बढ़ाकर बढ़ती उम्र में याददाश्त में कमी या डिमेंशिया की समस्या पर भी रोकथाम की जा सकती है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि उम्रदराज लोगों में दिमागी समझ कमजोर होने, स्मृतिक्षय की रोकथाम में शारीरिक व्यायाम लाभकारी हैं। (समाचार अपडेट -  24 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords -  Regular exercise is very helpful in improving memory अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook)  -  हिन्दी एलियंस | HindiAliens.com ट्विटर (Twitter)  -  https://twitter.com/HindiAliens यूट्यूब (YouTube)  -  https://www.youtube.com/channel/UCEil3BQ-jdLF3AbVJv-g2dQ

मोटापे से बचने के लिए भरपूर नाश्ता करें

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चित्र साभार : zeenews.india.com लॉस एंजिलिस। अधिक वजन और मोटापे से बचने के लिए दिन की शुरुआत में भरपूर नाश्ता करना उपयोगी हो सकता है। एक नए अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग सुबह में भरपूर नाश्ता करते हैं उनका वजन ऐसा नहीं करने वालों के मुकाबले संतुलित रहता है। अमेरिका की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने बताया कि पूरे दिन के मुकाबले सुबह के नाश्ते के समय सबसे ज्यादा आहार लेने वाले लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) उन लोगों की तुलना में कम होता है जो दिनभर कम खाने के बाद रात को भरपेट खाते हैं। जबकि दोनों ही तरह के लोग पूरे दिन में एक सामान कैलोरी की खपत करते हैं। (समाचार अपडेट - 24 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords :-  Have a lot of Breakfast to Avoid Obesity, if you want to avoid obesity must take breakfast every day अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook)  -  हिन्दी एलियंस | HindiAliens.com ट्विटर (Twitter)  -  https://twitter.com/H

बातूनी लोग नई भाषा जल्दी से सीखते हैं और शर्मीले लोग सुनने के मामले में बेहतर हैं

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नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने यह माना है कि बातूनी लोग नई भाषा सीखने, पढ़ने और बोलने के मामले में बेहतर हो सकते हैं, लेकिन सुनने के मामले में झिझकने वाले और शर्मीले लोग बेहतर होते हैं। पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय की भाषा विज्ञानी शहला जफर और उनके सहयोगियों ने अध्ययन किया कि भारत में आए चीनी छात्रों की अंतर्मुखी और बहिर्मुखी प्रवृत्तियाँ उनकी अंग्रेजी भाषा में दक्षता को कैसे प्रभावित करती हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अंतर्मुखी लोगों का ध्यान कम भटकता है और उनकी दूरगामी याददाश्त ज्यादा अच्छी होती है। वहीं भाषा वैज्ञानिकों का दावा रहा है कि समाज में घुलना मिलना और खुलापन बहिर्मुखी लोगों को विदेशी भाषा सीखने में मदद करता है। (समाचार अपडेट -  24 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords -  Talking People Learn New Language Quickly and Shy People are better in Hearing अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook)  -  हिन्दी एलियंस | HindiAliens.com ट्विटर (Twitter)  -  https://tw

मधुमेह में मामूली घाव भी खतरनाक

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नई दिल्ली। मधुमेह से रोगियों के पैरों में मामूली घाव भी काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। एक नए अध्ययन में बताया गया है कि अध्ययन के आकलन के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह के निदान के दौरान कम से कम 10 में से एक रोगी के पैर में क्षति की आशंका देखी गई है। अध्ययन से पता चला है कि भारत में 7.4 से 15.3 प्रतिशत मधुमेह रोगियों के पैरों में तकलीफ होती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इसे डायबेटिक फुट कहते हैं। (समाचार अपडेट - 23 जुलाई, 2017 ) अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भूलें - फेसबुक (Facebook)  -  हिन्दी एलियंस | HindiAliens.com ट्विटर (Twitter)  -  https://twitter.com/HindiAliens यूट्यूब (YouTube)  -  https://www.youtube.com/channel/UCEil3BQ-jdLF3AbVJv-g2dQ

अच्छी इम्यूनिटी के लिए करें अदरक और तुलसी का सेवन | Use Ginger and Basil/Tulsi for Good Immunity

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार, दुनिया की 92 प्रतिशत जनसंख्या WHO के मानकों के नीचे वाली हवा की गुणवत्ता में साँस ले रही है। इस कारण लोग अधिक बीमार हो रहे हैं। उनमें स्ट्रोक (Stroke) , दिल संबंधी रोग (H eart Disease) , फेफड़े का कैंसर (L ung Cancer)  और साँस संबंधी समस्याएँ (R espiratory Problems)  हो रही हैं। वायु प्रदूषण (Air Pollution)   से होने वाले प्रभाव को कम करने के लिए विशेषज्ञ जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दे रहे हैं, जैसे कि सुबह के समय बाहरी गतिविधि जैसे जॉगिंग (J ogging)   / हल्का-फुल्का दौड़ना या साइकिलिंग (C ycling)  वगैरह न करें। खुले में व्यायाम करने की बजाय घर में ही व्यायाम करें। साथ ही विटामिन-सी ( Vitamin C)  और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ( Magnesium-Rich foods)   करें। अदरक (Ginger) और तुलसी की चाय (Basil/ Tulsi Tea)  पियें। इम्यूनिटी (I mmunity)  को बढ़ाने के लिए यह बेहतर उपाय है।  Keywords :- Use Ginger and Basil/Tulsi for Good Immunity

अरबों टन प्लास्टिक कचरे से धरती की सांस फूली

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चित्र साभार - quarkmag.com लॉस एंजिलिस। यह यकीन करना मुश्किल है लेकिन यह सबसे बड़ा सच है कि पिछले करीब सात दशक में मानव ने 8.3 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन किया । इसमें से बड़ी मात्रा अब कचरे के रूप में जगह-जगह एकत्र हो चुकी है। अमेरिका के जॉर्जिया विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 1950 से 2015 तक मानव ने करीब 8.3 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन किया है । इसमें से अब तक 6.3 अरब टन प्लास्टिक का कचरे के रूप में ढेर लग चुका है, जबकि कचरे की इस बड़ी मात्रा के महज 9 फीसदी हिस्से को रीसाइकिल किया जा सका है। 12 फीसदी हिस्से को जलाकर नष्ट किया गया जबकि 79 फीसदी हिस्सा अब भी कचरे के रूप में विभिन्न लैंडफिल पर पड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि अगर वर्तमान दौर ऐसे ही चलता रहा तो वर्ष 2050 तक 12 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा लैंडफिल पर पड़ा नजर आएगा। (समाचार अपडेट - 22 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords :- Space Pollution and Junk Problem in Hindi अगर आपको 'हिन्दी एलियंस' की ये न्यूज़ पोस्ट्स पसंद आई हो तो हमें इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फॉलो करना ना भू

तनाव का दांतों पर बुरा असर और 95 प्रतिशत भारतीयों को मसूड़ों की बीमारी

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नई दिल्ली। ज्यादा तनाव लेना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। यह बात आमतौर पर सभी जानते हैं, लेकिन तनाव का दांतों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। यह एक नए अध्ययन से पता चलता है। भारत में दांतों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन से पता चला है कि लगभग 95 प्रतिशत भारतीयों को मसूड़ों की बीमारी है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल जी ने कहा कि तनाव का दांतों की सेहत पर बुरा असर होता है। तनाव के चलते कई लोग मदिरापान और धूम्रपान शुरू कर देते हैं, जिसका आगे चलकर दांतों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जानकारी के अभाव में ग्रामीण इलाकों में दांतों की समस्या अधिक मिलती है। शहरों में जंक फूड और जीवनशैली की अन्य कुछ गलत आदतों के कारण दांतों में समस्याएँ पैदा हो जाती हैं। प्रसंस्कृत भोजन में चीनी अधिक होने से भी नई पीढ़ी में विशेष रूप से दांत प्रभावित हो रहे हैं। चिंताजनक स्थिति 50 प्रतिशत लोग भारत में टूथब्रश का उपयोग ही नहीं करते हैं। 70 प्रतिशत बच्चों (15 वर्ष से कम उम्र) के दांत हो चुके हैं खराब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) | Indian M

कॉफी पीने से आयु लंबी हो सकती है

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लंदन। कॉफी के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर (Good News) है। एक ताजा शोध से पता चला है कि दिन भर में तीन बार कॉफी पीने से आपकी आयु लंबी हो सकती है। यह शोध यूरोप के दस देशों के करीब 35 साल से ज्यादा आयु के पांच लाख लोगों पर किया गया है। एनॉल्स ऑफ इंटरल मेडिसिन (Anols of Intrl Medicine)  नाम के जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि एक कप अतिरिक्त कॉफी हर दिन पीने से इंसान की आयु लंबी हो सकती है, भले ही यह कॉफी डिकैफिनेटेड ( Decaffeinated)   (कैफीन निकाला हुआ) ही क्यों ना हो। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर एंड इम्पेरियल कॉलेज ऑफ लंदन ( International Agency for Research on Cancer and Imperial College of London)  के शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक कॉफी पीने का ताल्लुक दिल और आंत की बीमारी से मरने का जोखिम कम होने से है। (समाचार अपडेट - 21 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords :- Age can be longer by drinking coffee health benefits in hindi, Health Benefits News in HIndi, London England Great Britain United Kingdom Health Benefits News in Hindi

अधिकतर लोग सनस्क्रीन लोशन लगाना नहीं जानते

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स्किन कैंसर (Skin Cancer) का पहला निशाना अमूनन हमारा चेहरा बनता है, बावजूद इसके सनस्क्रीन लगाते वक्त लोग कई महत्वपूर्ण हिस्सों की अनदेखी कर देते हैं। ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट   (British Association of Dermatologists) के सालाना बैठक में प्रस्तुत इस रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर लोग सनस्क्रीन लोशन लगाना नहीं जानते हैं सनस्क्रीन लगाते वक्त चेहरे के लगभग 10 प्रतिशत हिस्से की अनदेखी कर जाते हैं। आंखों के आसपास लोग सबसे कम सनस्क्रीन लगाते है, जबकि स्किन कैंसर के पांच से दस प्रतिशत मामले इसी हिस्से में होते हैं। (समाचार अपडेट -  21 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords :-  Most people do not know how to apply sunscreen lotions,   Research and Study News Oxford University in England London Great Britain United Kingdom in Hindi

प्रलय तक जिंदा रहेंगे जलरीछ (टार्डीग्रेड)

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लंदन। वैज्ञानिकों ने पाया है कि जलरीछ (टार्डीग्रेड) - Tardiegrad  नामक जीव सूर्य के खत्म होने तक जीवित रहेगा यानी प्रलय तक ये जीव जिंदा रहेंगे । ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी  ( Oxford University)  के शोधकर्ताओं ने पाया कि जलरीछ तमाम खगोलीय विनाशों से बच निकलेगा। यह मानव जाति के मुकाबले कम से कम 10 अरब साल ज्यादा समय तक अपना अस्तित्व कायम रखेगा। पृथ्वी का अनश्वर जीव : Immortal Creature of the Earth शोधकर्ताओं ने आठ पैरों वाले इस सूक्ष्म जीव को विश्व का अनश्वर जीव घोषित किया है। उन्होंने कहा, विभिन्न अध्ययनों में इस चीज पर ज्यादा ध्यान दिया गया है कि किसी विनाशकारी खगोलीय घटना का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इसको लेकर अब तक काफी कम जानकारी थी कि ऐसी किसी घटना का जलरीछ के अस्तित्व पर क्या असर होगा अथवा पृथ्वी से जीवन मात्र का ही नामोनिशान मिट जाएगा या बचा रहेगा। शोधकर्ताओं ने कहा, 'हमने पाया कि सूर्य के खत्म होने तक पृथ्वी पर जलरीछ का जीवन कायम रहेगा।' (समाचार अपडेट -  16 जुलाई, 2017 ई. ) Keywords :-  Immortal Creature of the Earth Tardigrade, Lond

भारत दशकों तक चीन से आगे रहेगा

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हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि भारत वैश्विक वृद्धि के स्तंभ के रूप में उभरा है और दशकों तक चीन से आगे रहेगा । हार्वर्ड विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (सीआईडी) ( Center for International Development - CID)  के वृद्धि अनुमानों के अनुसार कई कारणों से 7.7 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर के साथ 2025 तक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना रहेगा। सीआईडी के शोध में कहा गया है कि वैश्विक वृद्धि का केंद्र पिछले कुछ साल में चीन से पड़ोसी भारत की ओर स्थानांतरित हुआ है। आगामी दशक में यह कायम रहेगा। अध्ययन में कहा गया है कि आज की तारीख तक भारत ने जो क्षमताएं हासिल की है, उनके मद्देनजर वह विविध क्षेत्रों में उतरने को लेकर बेहतर स्थिति में उसकी तेज वृद्धि की संभावनाएं कायम रहेंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपने निर्यात आधार का विविधीकरण किया है और इसमें रसायन, वाहन और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अधिक जटिल क्षेत्रों में शामिल किया है। रिपोर्ट कहती है कि प्रमुख पेट्रोलियम अर्थव्यवस्थाएं एक संसाधन पर निर्भर रहने का प्रभाव झेल रही हैं। (समाचा